सीएमवी संक्रमण के कारण
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सीएमवी का संक्रमण जिसे एचसीएमवी, सीएमवी, या मानव हरपीस वायरस 5 (एचएचवी -5) जैसे नामों से भी जाना जाता है, यह भी एचआईवी और चेचक के परिवार का ही एक सदस्य होता है, जो एक बार शरीर में प्रवेश करने के बाद हमेशा के लिए शरीर में बस जाता है और जैसा कि हमने अपने सबसे पहले लेख में बताया कि यह संक्रमण शरीर के तरल द्वारा एक व्यक्ति से दूसरे के शरीर में पहुंचता है, यानी मूत्र, रक्त, पसीना और माँ के दूध से बच्चे के शरीर में यह संक्रमण पहुँच जाता है।
यदि यह संक्रमण किसी व्यक्ति के शरीर में मौजूद है, तो उसके पसीने, मूत्र, रक्त, लार से यह संक्रमण अन्य व्यक्ति के शरीर में पहुँच जाता है। यहाँ तक कि संक्रमित महिला या पुरुष के साथ असुरक्षित संबंध भी इस संक्रमण को एक से दूसरे के शरीर में प्रेवश करने का रास्ता मिल जाता है।
किस तरह से शरीर में प्रवेश कर सकता है सीएमवी संक्रमण?
- किसी संक्रमित व्यक्ति या वस्तु के साथ संपर्क में आने के बाद, बिना हाथ धोए, अपनी आँखों, नाक या मुँह को छू लेना। या संक्रमित हाथों से खाना खा लेना।
- किसी ऐसे महिला या पुरुष के साथ असुरक्षित यौन संबंध बना लेना जिसे पहले से ही यह बिमारी हो।
- यदि संक्रमित माँ बिना जानकारी के अपने बच्चे को दूध पिला दे।
- यदि किसी को संक्रमित रक्त चढ़ा दिया जाए।
- यदि किसी को संक्रमित अंग चढ़ा दिया गया हो।
- संक्रमित गर्भवती महिलाओं से उनके होने वाले बच्चों में।
इस संक्रमण से बचने के लिए अभी तक चिकित्सा जगत में ऐसा कोई खास टिका या दवाई मौजूद नहीं है। ऐसे में शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता को मजबूत रख कर और साफ-सफाई के साथ-साथ सावधानी के द्वारा ही इस संक्रमण से बचा जा सकता है।
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